संस्कृत नाटक धूर्तसमागम: का हुआ मंचन

Sanskrit play Dhurtasamagam staged at Sangeet Natak Academy, Lucknow

संस्कृत भाषा में रंगनाद द्वारा धूर्तसमागम: का मंचन संगीत नाटक अकादमी स्थित बाल्मीकि प्रेक्षागृह में किया गया। ज्योतिरिश्वर ठाकुर लिखित नाटक की परिकल्पना एवं निर्देशन देवाशीष मिश्र ने किया था। नाटक की कथावस्तु में दर्शाया गया है कि विश्वनगर नामक एक साधु और स्नातक नामक उनके शिष्य के बीच विवाद धूर्तसमागम का मूल विषय है। यह तय न तर पाने पर कि गुरू और शिष्य मे कौन अनंगसेना को अपना बनाएगा वे असज्जाति मिश्र न्यायाधीश के समक्ष न्याय के लिए जाते है लकिन वहां असज्जाति  स्वयं अनंगसेनाके प्रति आकर्षित हो जाता है। और उस पर अधिकार जताता है।

नाटक में सूत्रधार (शिखर श्रीवास्तव) नटी (रिचा सिंह) विश्वनगर (अश्वनी श्रीवास्तव) स्नातक (सुमित श्रीवास्तव)मृतागार (प्रखर द्विवेदी) सूरत प्रिया (सुयशी मिश्रा) अनंग सेना (भावना गुप्ता)असज्जाति मिश्र (योगेन्द्र पाल) विदूषक बुंधंवचंक (सांगर)मूल नाशक नाई (संदीप देव) का अभिनय सराहनीय रहा।

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