भगवान ने जब दुनिया बनाई तो हर चीज़ के दो पूरे-पूरे पहलू बनाये, जैसे – जमीन-आसमान, दिन-रात, नर-नारी हर चीज़ को बहुत ही ख़ास बनाया जिससे दोनों को पसंद किया जा सके और दुनिया की सुंदरता में कोई कमी न आये। कहते हैं की जब भगवान ने नारी को बनाया तो बहुत ही सहज और सरल बनाया। अगर आज हम नारी का स्थान देखे तो नारी परिवार का मुख्य स्वरुप है, वो माता के रूप में निश्छल प्रेम का सागर है , मार्ग दर्शक है , बहन के रूप में भाई की सच्ची मित्र है और पत्नी के रूप में जीवन भर की सुख-दुःख की साथी है।
नारी ने अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ सेवा ही को ही चुना है और त्याग ही किया है। जिसका श्रेय उसने कभी नहीं लिया। नारी हमेशा पूजनीय है। इसका वर्णन हमारे पवित्र ग्रंथो में कुछ इस तरह है ,
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते,रमन्ते तत्र देवता
यानी जिस घर परिवार में नारी की पूजा होती है वहां देवताओं का वास होता है। तो हमेशा नारी को आदर, सम्मान देना चाहिए और नारी को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।