बीमारी शारीरिक हो या मानसिक, सकारात्मक सोच के साथ उम्मीदें जिंदा रखे तो सब ठीक हो जाता है। दृश्य भारती की ओर से संगीत नाटक अकादमी में तुम बहुत खूबसूरत हो नाटक ने उम्मीदें जिंदा रखने का संदेश दिया। यशपाल की कहानी को संजय त्रिपाठी के निर्देशन में प्रस्तुत नाटक में दिखाया गया कि एक मरीज की मानसिक हालत ऐसी हो जाती है, कि वो जीना ही नही चाहती है।
हरफन मौला मरीज उमंग को सुगंधा के कमरे में शिफ्ट किया जाता है जो हर समय अपनी बातों से लोगों बस हंसाता रहता है। वो सुगंधा को देखता है कि वो हंसती नही, तब तो रात को उससे बात करने की कोशिश करता है तब मामा सुगंधा के अतीत में घटी हुई घटना के बारे में बताते है। कि सुगंधा तीन बहने थी माँ-बाप बचपन में ही खत्म हो गये थे पर बहुत दौलत छोड़ गये थे।
लड़कियां धीरे-धीरे बड़ी हुई कॉलेज जाने लगी, कॉलेज में कोई ड्रेसकोड तो होता नहीं है, आप चाहे जैसे कॉलेज आये। उसके बोलने के ढंग, कपड़ो और पैसों पर सारा कॉलेज फिदा था, एक दिन कई लड़के उसके घर पर पार्टी देने आये और लड़कियों के साथ जबरदस्ती करने लगे, सुगंधा की दो बहनों की वो हालत कर दी कि दोनों बहनों ने एक ही रूपटटे से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, सुगंधा यह सब छुपकर देखती रही जिसके कारण इस हालत में आ गयी।
फिर क्या था उमंग अपनी बातों से सुगंधा को हंसाता ही नही, बल्कि उसके अन्दर जीने की ललक के साथ प्यार का भी अहसास कराता। जैसे ही उमंग को लगता है कि अब सुगंधा ठीक हो गयी है। तब वो गायब हो जाता है। अंत में भेद खुलता है कि वो उमंग नहीं बहुत बड़े डॉक्टर है जो लोगों का इस तरीके से इलाज करते है।
नाटक में काव्या मिश्रा, गिरिराज किशोर शर्मा, आर्यमान गौतम, तनीश सिद्दीकी, प्रिया यादव, अक्षत ऋषि, अनुराग शुक्ला, यूआँग गुप्ता, पूनम और शिवानी ने भूमिका निभाई।